योग के माध्यम से देश और दुनिया में स्वास्थ्य के लिए सफल अभियान चलाने वाले बाबा रामदेव ने राष्ट्रोत्थान के काम को भी अपने हाथों में लेते हुए देश की सत्ता को अपने नियंत्रण में लेने को समय की जरूरत बताया है।
बाबा रामदेव ने दिल्ली में आयोजित भ्रष्टाचार उन्मूलन पर विचार गोष्ठी में अपनी भविष्य की नीतियों का खुलासा करते हुए कहा कि भ्रष्टाचार एक दैत्य का रूप ले चुका है। अब इस दानव का अंत करने का वक्त आ गया है। इसके लिए अगर सत्ता की कुँजी अपने हाथों में लेनी प़ड़े तो उन्हें इससे गुरेज नहीं होगा। लेकिन इसके साथ ही बाबा ने स्पष्ट कर दिया कि उनका आशय सत्ता के सिंहासन पर बैठना नहीं है, बल्कि चरित्र निर्माण की जिस प्रक्रिया में अब वे जुट गए हैं उसके जरिए तैयार किए गए उनके अनुयायी सरकार को चलाएँगे। उन्होंने कहा कि मुझे वशिष्ठ, विश्वामित्र और चाणक्य की भूमिका में ही रहने दो, लेकिन मेरे द्वारा तैयार किए गए राम और चंद्रगुप्त जैसे लोग सत्ता को संचालित करेंगे। इस लिहाज से सत्ता की कुँजी मेरे हाथों में हो सकती है और वह सत्ता चरित्रवान लोगों की होगी।
बाबा रामदेव ने दिल्ली में आयोजित भ्रष्टाचार उन्मूलन पर विचार गोष्ठी में अपनी भविष्य की नीतियों का खुलासा करते हुए कहा कि भ्रष्टाचार एक दैत्य का रूप ले चुका है। अब इस दानव का अंत करने का वक्त आ गया है। इसके लिए अगर सत्ता की कुँजी अपने हाथों में लेनी प़ड़े तो उन्हें इससे गुरेज नहीं होगा। लेकिन इसके साथ ही बाबा ने स्पष्ट कर दिया कि उनका आशय सत्ता के सिंहासन पर बैठना नहीं है, बल्कि चरित्र निर्माण की जिस प्रक्रिया में अब वे जुट गए हैं उसके जरिए तैयार किए गए उनके अनुयायी सरकार को चलाएँगे। उन्होंने कहा कि मुझे वशिष्ठ, विश्वामित्र और चाणक्य की भूमिका में ही रहने दो, लेकिन मेरे द्वारा तैयार किए गए राम और चंद्रगुप्त जैसे लोग सत्ता को संचालित करेंगे। इस लिहाज से सत्ता की कुँजी मेरे हाथों में हो सकती है और वह सत्ता चरित्रवान लोगों की होगी।
jay Baba Ramdevji aapki hamesa jit ho
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