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शनिवार, 10 अप्रैल 2010

अब हफ्ते में 45 घंटे पढ़ाना होगा

जयपुर. राज्य के सरकारी स्कूलों में अब शिक्षकों के लिए पांचवीं कक्षा तक एक सत्र में 200 कार्य दिवस से कम पढ़ाना कानूनन जुर्म होगा। कक्षा छह से आठवीं तक के लिए यह अवधि 220 दिन होगी।

नए अनिवार्य शिक्षा कानून के तहत बनने जा रहे नए नियमों में यह प्रावधान किया जा रहा है कि हर शिक्षक को एक अकादमिक वर्ष में पांचवीं कक्षा तक 800 घंटे और छठी से आठवीं तक 1000 घंटे तक छात्र-छात्राओं को उचित तरीके से शिक्षित करना होगा।

शिक्षा विभाग के अधिकारियों का कहना है कि हर शिक्षक को औसतन हर हफ्ते कम से कम 45 घंटे पढ़ाना होगा। नए प्रावधानों के अनुसार हर कक्षा के छात्रों को जरूरी शैक्षिक उपकरण मुहैया करवाना भी जरूरी किया जा रहा है।

राज्य के निजी स्कूलों के लिए यह प्रावधान भी किया जा रहा है कि वहां जांच प्रक्रिया के नाम पर बच्चों या उनके माता-पिता से न तो साक्षात्कार होगा और न ही डोनेशन लिया जाएगा। इस बारे में राज्य सरकार को केंद्र की ओर से मॉडल शिक्षा नियम मिल गए हैं।

पहली से पांचवीं कक्षा:

60 बच्चों पर: दो शिक्षक जरूरी
61 से 90 पर: 3 शिक्षक जरूरी
91 से 120 पर: 4 शिक्षक जरूरी
121 से 200 : 5 शिक्षक
150 से ज्यादा बच्चों पर 5 शिक्षक तथा एक हैडमास्टर

छठी से आठवीं कक्षा तक:
प्रति कक्षा के लिए एक शिक्षक एवं साइंस, मैथ्स, सामाजिक विज्ञान, और अन्य भाषाओं के लिए अलग-अलग शिक्षक
प्रत्येक 35 बच्चों पर एक शिक्षक सौ से ज्यादा बच्चें पर पूर्णकालीक हैडमास्टर, कला शिक्षा, स्वास्थ्य एवं शारीरिक शिक्षक एवं कार्य शिक्षा के लिए पार्ट टाइम शिक्षक जरूरी

भवन अनिवार्यता

हर शिक्षक के हिसाब से एक कमरा, हैडमास्टर रूम, बॉयज एवं गल्र्स के अलग से टॉयलेट, पीने के पानी की सुविधा, मीड डे मिल के लिए रसोईघर, खेल मैदान।

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